लॉस एंजिल्स में आयोजित 96वें अकादमी पुरस्कारों में, रोबर्ट डाउनी जूनियर ने प्रतिष्ठित ऑस्कर अपने नाम किया। क्रिस्टोफर नोलन की बहुचर्चित फिल्म Oppenheimer “ऑपेनहाइमर” में अपनी भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला। फिल्म में, डाउनी जूनियर परमाणु-हथियार वैज्ञानिक, जे. रॉबर्ट ऑपेनहाइमर (सिलियन मर्फी द्वारा अभिनीत) के विरोधी लुईस स्ट्रॉस की जटिल भूमिका में उतरे हैं।
यह डाउनी जूनियर की पहली ऑस्कर जीत है, जो उनकी अभिनय क्षमता का शानदार प्रमाण है। उन्हें इससे पहले “चैपलिन” (1993, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता ) और “ट्रॉपिक थंडर” (2009, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता ) में भी नामांकन मिल चुका है।
इस श्रेणी में डाउनी जूनियर शुरू से ही पसंदीदा थे, और उन्होंने गोल्डन ग्लोब, बाफ्टा और स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स जैसे बड़े पुरस्कार पहले ही जीत लिए थे। फिर भी, उन्हें रॉबर्ट डी नीरो (“किलर्स ऑफ द फ्लावर मून”), रयान गोसलिंग (“बार्बी”) और मार्क रफ़ालो (“पुअर थिंग्स”) जैसे दिग्गजों चुनौती मिली थी।
पुरस्कार स्वीकार करते हुए, डाउनी जूनियर ने मार्मिक भाषण दिया। उन्होंने अपनी “भयानक बाल्यावस्था” और अकादमी को हल्के-फुल्के अंदाज में धन्यवाद दिया, लेकिन अपनी पत्नी सुसान डाउनी के प्रति उन्होंने दिल खोलकर बात की। उन्होंने सुसान को उनके अटूट समर्थन और उनके जीवन में वापसी के लिए श्रेय दिया।
उन्होंने अपने भाषण को यह कहते हुए समाप्त किया कि “मुझे इस काम की जितनी जरूरत थी, शायद उससे ज्यादा इस काम को मेरी जरूरत थी।” यह स्वीकारोक्ति दर्शाती है कि “ऑपेनहाइमर” ने डाउनी जूनियर की व्यक्तिगत और कलात्मक यात्रा में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी जीत सिर्फ उनकी प्रतिभा का ही नहीं, बल्कि कला की बदलाव लाने वाली शक्ति और मानव की अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक भी है।