मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनें खुशहाल!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर प्रदेश की महिलाओं के जीवन में खुशियां भर दी हैं। लाड़ली बहना योजना के तहत, 1.28 करोड़ से अधिक लाड़ली बहनों के खातों में 19वीं किस्त के रूप में 1572 करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। यह राशि सीधे बहनों के बैंक खातों में पहुंच गई है, जिससे उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता आएगी।
क्या है लाड़ली बहना योजना?
मध्य प्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना महिला सशक्तिकरण का एक अहम कदम है। इस योजना के तहत, प्रदेश की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को नियमित रूप से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना है।
19वीं किस्त के साथ क्या हुआ?
- सीधा लाभ: 1.28 करोड़ से अधिक लाड़ली बहनों को सीधे लाभ मिला।
- राशि: प्रत्येक लाभार्थी को 1250 रुपये की किस्त मिली।
- कुल राशि: कुल मिलाकर 1572 करोड़ रुपये का वितरण किया गया।
- एक क्लिक से ट्रांसफर: तकनीक का उपयोग करते हुए, सभी लाभार्थियों के खातों में राशि एक साथ ट्रांसफर कर दी गई।
इस योजना का महत्व
- महिला सशक्तिकरण: यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है।
- आर्थिक विकास: महिलाओं के हाथ में धन आने से परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- सामाजिक बदलाव: यह योजना समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाती है।
कौन ले सकती है इस योजना का लाभ?
- मध्य प्रदेश की स्थायी निवासी महिलाएं
- जिनकी आयु 23 वर्ष से अधिक हो
- जिनकी पारिवारिक आय सीमा निर्धारित मानदंडों के अनुसार हो
कैसे करें आवेदन?
योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। आप अपने निकटतम जनपद पंचायत कार्यालय या अन्य अधिकृत केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
अन्य लाभार्थी भी हुए लाभान्वित
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने 55 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को भी 334 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का वितरण किया। इससे इन हितग्राहियों को भी बड़ी राहत मिली है।
निष्कर्ष
लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। 19वीं किस्त के वितरण से यह एक बार फिर साबित हो गया है कि सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
अधिक जानकारी के लिए
योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप अपने निकटतम जनपद पंचायत कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं।